एम.ए. हिंदी पाठ्यक्रम

सत्रप्रश्न पत्र शीर्षक 
प्रथम सत्र101- हिंदी साहित्य का इतिहास (आदिकाल से रीतिकाल तक) 
 102- आदिकालीन हिंदी काव्य 
 103- भक्तिकालीन हिंदी काव्य 
 104- हिंदी कथा साहित्य 
 105- भारतीय काव्यशास्त्र 
द्वितीय सत्र201- रीतिकालीन हिंदी काव्य 
 202- आधुनिक हिंदी काव्य-1 
 203- हिंदी नाटक 
 204- सामान्य भाषाविज्ञान 
तृतीय सत्र301- आधुनिक हिंदी काव्य- 2 
 302- हिंदी आलोचना 
 303- हिंदी के अनेक गद्य रूप 
 304- हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल) 
 305- पाश्चात्य काव्यशास्त्र 
 202- आधुनिक हिंदी काव्य-1 
 203- हिंदी नाटक 
 204- सामान्य भाषाविज्ञान 

प्रथम सत्र [प्रश्न पत्र- 1] [101- हिंदी साहित्य का इतिहास (आदिकाल से रीतिकाल तक)]

इकाई – 1: इतिहास-दर्शन

 इतिहास और आलोचना, इतिहास और अनुसंधन

 साहित्येतिहास-दर्शन के समकालीन सिद्धान्त

 साहित्येतिहास-लेखन की प्रमुख अवधरणाएँ: मध्ययुगीनता, पुनर्जागरण और आधुनिकता

 हिंदी साहित्य के इतिहासों का इतिहास

 काल-विभाजन और उसकी समस्याएँ

इकाई – 2: आदिकाल

 नामकरण की समस्या, पृष्ठभूमि: विभिन्न परिस्थितियाँ

 रासोकाव्य-परंपरा, प्रमुख प्रवृत्तियाँ

 प्रमुख कवि (चंदबरदाई, जगनिक, अमीर खुसरो, विद्यापति)

इकाई – 3: भक्तिकाल

पृष्ठभूमि एवं प्रवृत्तियाँ

प्रमुख एवं गौण कवि तथा उनका काव्य (कबीर, रविदास, दादू, सुंदरदास, कुतुबन, मंझन, जायसी,

तुलसीदास, सूरदास, नंददास )

निर्गुण एवं सगुण काव्यधराएँ: प्रमुख विशेषताएँ

इकाई – 4: रीतिकाल

नामकरण की समस्या

पृष्ठभूमि एवं प्रवृत्तियाँ

प्रमुख एवं गौण कवि तथा उनका काव्य (केशव, बिहारी, देव, मतिराम, घनानंद, बोध, आलम, ठाकुर,

गुरुगोविंद सिंह, रज्जब)

रीतिबद्ध और रीतिमुक्त काव्यधराओं की विभेदक विशेषताएँ

प्रस्तावित पुस्तकें-

हिंदी साहित्य का इतिहास: रामचंद्र शुक्ल

हिंदी साहित्य की भूमिका: हजारीप्रसाद द्विवेदी

रीतिकाव्य की भूमिका: डॉ. नागेंद्र

हिंदी साहित्य का इतिहास: संपादक डॉ. नागेंद्र

साहित्य का इतिहास दर्शन: नलिन विलोचन शर्मा

हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास: रामकुमार वर्मा

अन्य सहायक पुस्तकें

साहित्य और इतिहास दृष्टि: मैनेजर पाण्डेय

मध्यकालीन बोध् का स्वरूप: हजारीप्रसाद द्विवेदी

हिंदी साहित्य का अतीत (भाग 1, 2): विश्वनाथ प्रसाद मिश्र

हिंदी साहित्य का इतिहास: पूरनचंद टंडन, विनीता कुमारी

अप्रभ्रंश साहित्य: हरिवंश कोछड़

आदिकालीन हिंदी साहित्य की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि: राममूर्ति  त्रिपाठी

हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स: रसाल सिंह

प्रथम सत्र [प्रश्न पत्र- 2] [102- आदिकालीन हिंदी काव्य]

इकाई 1: दोहाकोश: (सं.) राहुल सांकृत्यायन

षड्दर्शन खंडन-ब्राह्मण: दोहा 1, 2

करुणा सहित भावना: दोहा-17

चित्त: दोहा-24, 25

सहज, महासुख: दोहा-42, 43, 44

परमपद: 49

देह ही तीर्थ: 96

(कुल: 10)

इकाई 2; गोरखबानी: (सं) पीतांबरदत्त बड़थ्वाल

पद-1 से 20 तक

इकाई 3:  पृथ्वीराज रासो: (सं) माता प्रसाद गुप्त

कयमासवध् (संपूर्ण)

इकाई 4: विद्यापति की पदावली: (सं) रामवृक्ष बेनीपुरी

पद: 1, 2, 5, 10, 18, 23, 27, 29, 36, 42 (कुल;10 पद)

प्रस्तावित पुस्तकें

हिंदी साहित्य का आदिकाल: हजारी प्रसाद द्विवेदी

अपभ्रंश साहित्य: हरिवंश कोछड़

नाथ संप्रदाय: हजारीप्रसाद द्विवेदी

हिंदी के विकास मे अपभ्रंश का योग: नामवर सिंह

पृथ्वीराज रासो की भाषा: नामवर सिंह

अन्य सहायक पुस्तकें

प्राकृत-अपभ्रंश साहित्य और उसका हिंदी पर प्रभाव: राम सिंह तोमर

सिद्ध-साहित्य: धर्मवीर भारती

अपभ्रंश भाषा और साहित्य: राजमणि शर्मा

विद्यापति: शिव प्रसाद सिंह

आदिकालीन हिंदी साहित्य: अध्ययन की दिशाएँ: अनिल राय

गोरखनाथ और उनका युग: रांगेय राघव

प्रथम सत्र [प्रश्न पत्र- 3] [103- [भक्तिकालीन हिंदी काव्य]

इकाई – 1: कबीर

कबीर: हजारीप्रसाद द्विवेदी

पद स संख्या: 35, 108, 112, 123, 126, 134, 153, 168, 181, 206, 250 (कुल 11)

साखी स संख्या: 103, 113, 139, 157, 190, 191, 199, 200, 201, 231, 237 (कुल 11)

इकाई – 2: जायसी

जायसी-ग्रंथावली: रामचन्द्र शुक्ल (सं.)

नागमती वियोग खंड

इकाई – 3: सूरदास

भ्रमरगीतसार: रामचन्द्र शुक्ल (सं.)

पद संख्या: 3, 4, 7, 9, 11, 16, 18, 21, 22, 24, 30, 34, 37, 42, 45, 52, 62, 75, 85, 100,

 125, 133 (कुल 22)

इकाई – 4: तुलसीदास

विनय पत्रिका: (सं.) वियोगी हरि

पद स संख्या: 90, 101, 102, 105, 111, 112, 115, 116, 117, 119, 120, 121, 123, 124, 162,

 167, 172, 174, 198, 201 (कुल 20)

प्रस्तावित पुस्तकें

गोस्वामी तुलसीदास: रामचंद्र शुक्ल

तुलसी आधुनिक वातायन से: रमेश कुंतल मेघ

लोकवादी तुलसीदास: विश्वनाथ त्रिपाठी

तुलसी काव्य-मीमांसा: उदयभानु सिंह

गोसाईं तुलसीदास: विश्वनाथ प्रसाद मिश्र

सूरदास: रामचन्द्र शुक्ल

सूर साहित्य: हजारी प्रसाद द्विवेदी

अन्य सहायक पुस्तकें

महाकवि सूरदास: नंद दुलारे वाजपेयी

सूर और उनका साहित्य: हरवंशलाल शर्मा

सूरदास: ब्रजेश्वर वर्मा

कबीर: हजारी प्रसाद द्विवेदी

कबीर की विचारधरा: गोविंद त्रिगुणायत

कबीर साहित्य की परख: परशुराम चतुर्वेदी

त्रिवेणी: रामचन्द्र शुक्ल

जायसी: विजयदेव नारायण साही