निमंत्रण
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लालित्य ललित जी के तीन कविता संग्रह का लोकार्पण 12 जनवरी
को 12.30 बजे ,हाल नम्बर 12 में गीतिका प्रकाशन बिजनोर के
स्टाल नम्बर 189-190 पर होगा। कविता संग्रह इस प्रकार हैं-अपने में से तुम्हें देखना,घर
उदास हैं और आँगन घर में टहलेगा प्रमुख हैं।घर उदास हैं की भूमिका प्रेम जनमेजय ने
लिखी है।आँगन घर में टहलेगा की श्याम सखा श्याम ने और अपने में से तुम्हें देखना
की प्रताप सहगल ने।इस अवसर पर सर्वश्री प्रताप सहगल,डॉ प्रेम
जनमेजय, डॉ दिविक रमेश,डॉ हरीश नवल
प्रमुख हैं। सत्र का संचालन डॉ प्रज्ञा करेंगी।स्वागत कौशलेन्द्र प्रपन्न करेंगे। इस
आत्मीय आगाज़ में आपका हाथ हमें मिले तो फिर क्या बात हो। नीलोत्प्ल मृणाल की बानगी
के साथ कार्यक्रम शुरु होगा। सभी आत्मीय मित्र सादर आमंत्रित हैं।
को 12.30 बजे ,हाल नम्बर 12 में गीतिका प्रकाशन बिजनोर के
स्टाल नम्बर 189-190 पर होगा। कविता संग्रह इस प्रकार हैं-अपने में से तुम्हें देखना,घर
उदास हैं और आँगन घर में टहलेगा प्रमुख हैं।घर उदास हैं की भूमिका प्रेम जनमेजय ने
लिखी है।आँगन घर में टहलेगा की श्याम सखा श्याम ने और अपने में से तुम्हें देखना
की प्रताप सहगल ने।इस अवसर पर सर्वश्री प्रताप सहगल,डॉ प्रेम
जनमेजय, डॉ दिविक रमेश,डॉ हरीश नवल
प्रमुख हैं। सत्र का संचालन डॉ प्रज्ञा करेंगी।स्वागत कौशलेन्द्र प्रपन्न करेंगे। इस
आत्मीय आगाज़ में आपका हाथ हमें मिले तो फिर क्या बात हो। नीलोत्प्ल मृणाल की बानगी
के साथ कार्यक्रम शुरु होगा। सभी आत्मीय मित्र सादर आमंत्रित हैं।