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साहित्य

महाजनी सभ्यता: मुंशी प्रेमचंद [दस्तावेज]

महाजनी सभ्यता (इस लेख में मुंशी प्रेमचंद ने पूंजीवादी व्यवस्था (महाजनी सभ्यता) द्वारा अनिवार्य रूप से पैदा होने वाली व्यक्तिगत स्वार्थ, कपट, लोभ-लालच, बेरोज़गारी, वेश्यावृत्ति, भ्रष्टाचार आदि समस्याओं पर चर्चा की...

अनसुलझे सवालों से जूझता दिविक रमेश का ‘खण्ड-खण्ड अग्नि’- प्रियंका मिश्र

अनसुलझे सवालों से जूझता दिविक रमेश का 'खण्ड-खण्ड अग्नि' - प्रियंका मिश्र भारतीय समाज सदियों से ही धर्म के प्रति श्रद्धा और आस्था के भावों को लेकर...

संवाद/साइबर समाज शास्त्र असंतुष्ट समाज की भावनात्मक शरणस्थली है फेसबुक- सूरज प्रकाश

सरल, आत्मीय, भावुक, मिलनसार और गर्मजोशी से भरे। यूँ कहिये कि हम जितने अच्छे गुण किसी आदर्श लेखक में तलाशने की फ़िराक में रहते हैं, वरिष्ठ...

गीता गैरोला की रचनाएँ-

ये मेरे सपनो के खिलाफ सोचा समझा षड्यंत्र है क्योंकि मेरे सपने उन्हें सोने नहीं देते नींद की पहली सरगोशी में ही मेरे इतिहास...

अभिनव कदम – ३५ (‘झीनी झीनी बिनी चदरिया’ उपन्यास पर अभिनव कदम – ३५ का केंद्रित अंक)

'झीनी झीनी बिनी चदरिया' अब्दुल विस्मिल्लाह का महत्वपूर्ण उपन्यास है. इस उपन्यास पर अभिनव कदम - ३५ का यह अंक केंद्रित है. इस उपन्यास के तीन...

सूरज रे जलते रहना ! [कवि स्व.प्रदीप उर्फ़ रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी जी की जयंती (6 फरवरी) पर उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि !: ] (साभार: ध्रुव...

सूरज रे जलते रहना ! हिंदी कविता और हिंदी सिनेमा में भी देशभक्ति और मानवीय मूल्यों का अलख जगाने वाले गीतकारों में कवि स्व.प्रदीप उर्फ़ रामचंद्र...

स्वयं की रचना के आलोचक खुद बनें: ज्ञान चतुर्वेदी

उज्जैन। व्यंग्य परसाई के जमाने का न होकर बदल गया है। आज समय विकट है, इसलिए परसाई के अस्त्रों से लड़ा नहीं जा सकता। आपको व्यंग्य...

नाट्य में सौंदर्यानुभूति, रंगालोचन एवं रंग-प्रशिक्षण के सवाल [रंग समीक्षक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा से श्वेता पण्ड्या का साक्षात्कार]

नाट्य में सौंदर्यानुभूति, रंगालोचन एवं रंग-प्रशिक्षण के सवालरंग समीक्षा वही सार्थक, जो दर्शक और पाठक को समृद्ध करे- प्रो शर्मा (समालोचक, निबंधकार और लोक संस्कृतिविद् डॉ शैलेन्द्रकुमार शर्मा...

विश्वहिंदीजन में आपका हार्दिक स्वागत है.

अगस्त 2015 में प्रारंभ विश्वहिंदीजन (अंतरराष्ट्रीय हिंदी संस्था), जनकृति का एक उपक्रम है. इस उपक्रम में हिंदी भाषा सामग्री का ई संग्राहलय तैयार किया...

हंस, फरवरी 2017 अंक

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